हेडलाइन: 'ऑपरेशन सिंदूर' से भारत का सख्त संदेश – आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई ।


22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गहरा आक्रोश देखने को मिला। देशवासियों की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर थीं, जैसे हर नागरिक जानना चाहता था—आखिर पाकिस्तान को इस हमले का जवाब कब और कैसे दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि आतंक की आखिरी बची जमीन को भी नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। उनके इस संदेश के साथ ही तीनों सेनाओं—थल, वायु और नौसेना—ने मिलकर एक रणनीतिक मिशन की तैयारी शुरू कर दी। इस मिशन का नाम रखा गया—‘ऑपरेशन सिंदूर’

6 और 7 मई की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक और प्रभावी हमले किए। सोमवार को ऑपरेशन की कुछ तस्वीरें सामने आईं, जिसमें भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, वॉर रूम से मिशन की निगरानी करते दिखे।

इस ऑपरेशन के लोगो ने भी लोगों का ध्यान खींचा।
लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह द्वारा डिजाइन किए गए इस प्रतीक चिह्न में उस दर्द और आक्रोश की झलक है, जिसे उन महिलाओं ने महसूस किया जिनका सिंदूर आतंकवाद की हिंसा में उजड़ गया। यही संदेश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से दिया गया—भारत की नारी के सम्मान पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।

इस कार्रवाई ने न सिर्फ आतंकियों को करारा जवाब दिया, बल्कि एक बार फिर यह साफ कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता, नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार है।


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