नई दिल्ली – गिग इकॉनॉमी से जुड़े करोड़ों वर्कर्स के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें पेंशन के साथ-साथ ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) की ओर से स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलेंगी। खास बात यह है कि इन सुविधाओं के लिए गिग वर्कर्स को अपनी जेब से कोई अंशदान नहीं देना होगा।
श्रम मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, ईएसआईसी की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक राशि एग्रीगेटर कंपनियों द्वारा पेंशन फंड में दिए गए अंशदान से ही ली जाएगी। यानी कंपनियां जो हर बिलिंग ट्रांजेक्शन पर पेंशन फंड में दो प्रतिशत अंशदान करेंगी, उसी का एक हिस्सा ईएसआईसी फंड में जाएगा।
श्रम मंत्रालय ने यह भी तय किया है कि गिग वर्कर्स के पेंशन फंड का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को सौंपा जाएगा। पहले इस जिम्मेदारी को एलआईसी या राष्ट्रीयकृत बैंकों को देने पर विचार किया गया था, लेकिन बाजार जोखिम और सीमित सरकारी गारंटी के कारण यह विकल्प छोड़ दिए गए।
ईपीएफओ को जिम्मेदारी देने का कारण यह बताया गया कि इसमें जमा पूरी राशि पर सरकार की संप्रभु गारंटी होती है, जिससे पेंशन फंड में किसी तरह का वित्तीय जोखिम नहीं रहेगा।
इसके साथ ही गिग वर्कर्स को नौकरी छूटने की स्थिति में तीन महीने तक वेतन और बीमा जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। महिला वर्कर्स को मातृत्व लाभ और अवकाश का भी अधिकार मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य अल्पवेतनभोगी गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा का मजबूत कवच देना है, ताकि बीमारी या बेरोजगारी की स्थिति में उन्हें वित्तीय परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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