भारत के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने निर्यातकों के साथ बैठकें कर उनकी चिंताओं को समझा है। सरकार का यह स्पष्ट रुख है कि वह अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी उद्योग के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी, भले ही इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह "अमेरिका फर्स्ट" नीति, भारत-अमेरिका के दशकों पुराने संबंधों में एक नया मोड़ ला सकती है। इस "टैरिफ वॉर" का असर न सिर्फ दोनों देशों के व्यापार पर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसकी छाया दिख सकती है। यह देखना बाकी है कि क्या दोनों देश इस गतिरोध को सुलझा पाते हैं, या यह तनाव भविष्य में और बढ़ेगा।
0 टिप्पणियाँ