नई दिल्ली। अमेरिका जाने की चाहत में पंजाब निवासी एक युवक न केवल भारी भरकम रकम गँवा बैठा, बल्कि डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने के बाद उसे डिपोर्ट भी कर दिया गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस की आइजीआइ थाना टीम ने पंजाब के एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जगजीत सिंह उर्फ जस्सा के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, अमेरिका से डिपोर्ट किया गया नवजोत सिंह तीन जून की रात आईजीआई एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट से उतरा था। इमिग्रेशन जांच में खुलासा हुआ कि वह डिपोर्ट होकर आया है। उसके पासपोर्ट में छेड़छाड़ के निशान भी मिले। नवजोत को तुरंत पुलिस को सौंप दिया गया, जहां पूछताछ के बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पैसा कमाने की जल्दी में फंसा जाल में
पुलिस जांच में नवजोत सिंह ने बताया कि वह विदेश जाकर जल्दी पैसा कमाना चाहता था। वीजा प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन अंग्रेजी कमजोर होने के कारण असफल रहा। इसके बाद वह पंजाब के पटियाला निवासी एजेंट जगजीत सिंह के संपर्क में आया। जगजीत ने उसे 41 लाख रुपये में अमेरिका पहुंचाने का वादा किया।
पुलिस के अनुसार, नवजोत ने यह रकम एजेंट के रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों में जमा की थी। जगजीत ने नवजोत की अमेरिका यात्रा के लिए डंकी रूट के जरिये केन्या, तुर्की, स्पेन और मैक्सिको जैसे देशों के जरिए रास्ता तय किया था। जांच में सामने आया कि पासपोर्ट पर फर्जी शेंगेन वीजा और इमिग्रेशन स्टाम्प लगाए गए थे।
तकनीकी निगरानी से दबोचा गया एजेंट
पुलिस ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से एजेंट की लोकेशन ट्रैक की और उसे पटियाला से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में जगजीत ने बताया कि वह सिर्फ 10वीं पास है और जल्दी पैसे कमाने के लिए अवैध रूप से विदेश भेजने वाले गिरोह से जुड़ गया था। उसके सहयोगी विभिन्न देशों में सक्रिय हैं, जो यात्रियों को एक देश से दूसरे देश भेजने में मदद करते हैं।
15 दिन केन्या, फिर नकली वीजा से मैक्सिको
जगजीत ने नवजोत को पहले मुंबई एयरपोर्ट से केन्या भेजा, जहां वह 15 दिनों तक रुका। इसके बाद नकली वीजा और इमिग्रेशन स्टाम्प की मदद से उसे इस्तांबुल और मैड्रिड के रास्ते मैक्सिको भेजा गया। मैक्सिको में पांच दिन रुकने के बाद नवजोत ने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश किया, लेकिन कुछ ही दिनों में पकड़ा गया। अमेरिकी अधिकारियों ने उसे पांच महीने हिरासत में रखा और फिर भारत डिपोर्ट कर दिया।
दिल्ली पुलिस अब इस मामले में शामिल अन्य एजेंटों और सहयोगियों की तलाश में जुट गई है।
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