वसई अस्पताल लापरवाही मामला: 14 महीने से बेटे के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं पिता, आरोपी डॉक्टर को मिली जमानत ।


मुंबई 
मुंबई के वसई इलाके में एक निजी अस्पताल में कथित लापरवाही से हुई युवक की मौत के मामले में न्याय की लड़ाई अभी भी जारी है। पिछले 14 महीनों से पिता लालमन गुप्ता अपने 27 वर्षीय बेटे रूपेश गुप्ता के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

रूपेश गुप्ता, जो कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, को पिछले वर्ष 18 मार्च को सांस लेने में तकलीफ के चलते वसई पश्चिम स्थित ब्रीथ केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज में गंभीर लापरवाही बरती, जिससे रूपेश की मौत हो गई।

गैर-प्रशिक्षित डॉक्टरों ने किया इलाज?
लालमन गुप्ता ने बताया कि बॉम्बे नर्सिंग होम एक्ट और महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत आईसीयू में केवल एमबीबीएस डॉक्टरों को ही इलाज करने की अनुमति है। लेकिन अस्पताल ने इस नियम का उल्लंघन करते हुए दो अप्रशिक्षित डॉक्टरों से उनके बेटे का इलाज करवाया।

पुलिस कार्रवाई और जमानत पर सवाल
मानिकपुर पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि अब डॉक्टर को अदालत से जमानत मिल गई है। रूपेश के पिता ने जमानत रद्द करने के लिए न्यायालय में याचिका दायर की है।

पुलिस का कहना है कि मरीज को भर्ती कराते समय डॉ. दुबे अस्पताल में मौजूद नहीं थे, और इलाज की ज़िम्मेदारी उन डॉक्टरों को दी गई जो नियमों के अनुसार ICU में इलाज के लिए योग्य नहीं थे।

स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
पिता का आरोप है कि उनके लगातार प्रयासों के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। फिलहाल अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक जरूर लगाई गई है, लेकिन अस्पताल की मान्यता रद्द नहीं की गई है।



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