इंदौर शहर के चर्चित क्रिश्चियन एमिनेंट कॉलेज के चेयरमैन समीर मीर के खिलाफ एमआइजी थाना पुलिस ने मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है। शिकायत एक महिला द्वारा की गई है, जो समीर की पत्नी होने का दावा करती है।
पीड़िता के अनुसार, वर्ष 2006 में समीर ने स्वयं को ब्राह्मण (हिंदू) बताकर हिंदू रीति-रिवाज से विवाह किया था। विवाह में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हुई थीं, जिनमें कांग्रेस और भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। विवाह के बाद 2010 में एक पुत्र और 2013 में पुत्री का जन्म हुआ।
महिला का आरोप है कि लगभग चार वर्ष पूर्व समीर का व्यवहार अचानक बदल गया। वह अब इस्लामिक रीति-रिवाज अपनाने लगा, मस्जिद जाने लगा और पत्नी पर भी बुर्का पहनने तथा रोज़ा रखने का दबाव डालने लगा। महिला के अनुसार, उस समय उसे पता चला कि समीर का असली नाम समीर मीर है और वह मुसलमान है।
सच्चाई सामने आने पर समीर ने न सिर्फ महिला को प्रताड़ित किया, बल्कि घर में मौजूद मंदिर की मूर्तियां भी फेंक दीं। साथ ही बच्चों पर भी धार्मिक दबाव बनाना शुरू कर दिया। वर्ष 2020 में समीर ने पत्नी और बच्चों को घर से निकाल दिया। इसके बाद पीड़िता निपानिया क्षेत्र में रहने लगी।
महिला का कहना है कि समीर बीच-बीच में मिलने आता था और इस्लाम कबूलने के लिए दबाव बनाता रहा। वर्ष 2024 में समीर की मां और भाई उसे समझाकर वापस घर ले आए, लेकिन अगले ही दिन समीर ने फिर इस्लाम कबूलने की शर्त रखी, जिसके बाद पीड़िता पुनः निपानिया लौट गई।
आखिरी बार 13 मार्च 2024 को समीर ने महिला से मुलाकात की और कथित रूप से जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में हिंदू रीति से हुई शादी के फोटोग्राफ्स और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति के प्रमाण भी प्रस्तुत किए हैं।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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