मुंबई: महाराष्ट्र के समाज कल्याण मंत्री संजय शिरसाट ने सोमवार को अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विभाग के फंड में कटौती की जा रही है, जिससे कामकाज प्रभावित हो सकता है।
शिरसाट ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष उठाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आगे भी फंड में कटौती होती रही, तो उन्हें मंत्री के रूप में काम करना मुश्किल हो जाएगा।
मंत्री ने 'लाडली बहन योजना' को सरकार की प्रमुख योजना बताते हुए इसके लिए धन जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा, "यह योजना हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसी की वजह से हम सत्ता में आए हैं। इसे किसी भी स्थिति में बंद नहीं किया जाना चाहिए।"
शिवसेना विधायक शिरसाट ने दावा किया कि उन्होंने इस साल फरवरी में फंड पुनर्वितरण से संबंधित फाइल को अस्वीकार कर दिया था। "मैंने स्पष्ट रूप से लिखा कि ऐसी किसी भी कटौती से मैं सहमत नहीं हूँ। मुख्यमंत्री के पास अधिकार जरूर है, लेकिन कुछ योजनाएं ऐसी हैं जिनमें धन की कटौती न्यायसंगत नहीं होगी," उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि फिलहाल समाज कल्याण विभाग को लगभग तीन हजार करोड़ रुपये का आवंटन मिला है, लेकिन अगर इसमें कटौती की गई, तो विभाग को संचालित करना संभव नहीं रहेगा।
शिरसाट ने लाडली बहन योजना का बचाव करते हुए कहा कि यह जाति या वर्ग के आधार पर नहीं, बल्कि हर बहन को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। "हम इसमें किसी प्रकार का वर्गीकरण नहीं करते, क्योंकि हमारी कोशिश हर बहन तक सहायता पहुँचाने की है," उन्होंने जोड़ा।
इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने चुनावी वादों से मुकरते हुए योजना की राशि में कटौती की है। उन्होंने कहा कि पहले 2,100 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन अब सिर्फ 500 रुपये दिए जा रहे है।
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