मुंबई एयरपोर्ट पर शिवसेना (शिंदे गुट) का प्रदर्शन, तुर्की कंपनी से संबंध तोड़ने की मांग ।



मुंबई: शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए एयरपोर्ट प्रबंधन से तुर्की की कंपनी सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज के साथ सभी संबंध समाप्त करने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने किया।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि तुर्की सरकार ने हाल ही में भारत-पाक तनाव के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था। मुरजी पटेल ने कहा, "एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में, हम मुंबई में संचालित सभी तुर्की कंपनियों को बंद कराने की दिशा में काम करेंगे। भारत से कमाया गया पैसा अगर पाकिस्तान की मदद में इस्तेमाल होता है, तो वह महाराष्ट्र में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

पटेल ने चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के भीतर सेलेबी के साथ अनुबंध समाप्त नहीं किया गया, तो शिवसेना 10,000 कार्यकर्ताओं के साथ उग्र आंदोलन करेगी।

गौरतलब है कि सेलेबी कंपनी मुंबई एयरपोर्ट पर करीब 70% ग्राउंड ऑपरेशंस संभालती है, जिसमें यात्री सेवाएं, कार्गो, डाक सेवा, उड़ान संचालन और गोदाम प्रबंधन शामिल हैं।

शिवसेना युवा नेता अर्जुन कंधारी ने कहा, "यह विरोध हमारे देश की सुरक्षा से जुड़ा है। तुर्की की यह कंपनी भारत में कमाई करती है और फिर उस धन का उपयोग पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग में करती है।"

इस बीच, भारत के ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देने के विरोधस्वरूप देशभर में तुर्की उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई है।

हिमाचल प्रदेश में भी विरोध तेज

हिमाचल प्रदेश के किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुर्की से सेब के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ‘हिमालयन एप्पल ग्रोअर्स सोसाइटी’ और अन्य संगठनों ने अपने पत्र में लिखा, “‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना तुर्की जैसे देशों से आयात के कारण कमजोर हो रही है, जिससे स्थानीय किसान आर्थिक संकट में हैं।”

गाजियाबाद में व्यापारियों का तुर्की उत्पादों पर बहिष्कार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में फल व्यापारियों ने भी तुर्की से सेब समेत अन्य उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा की है। एक स्थानीय व्यापारी शादाब खान ने कहा, “भारत विरोधी किसी भी देश के उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा। हमने तुर्की से सभी व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए हैं।”

उल्लेखनीय है कि भारत तुर्की से हर साल लगभग 1,200 करोड़ रुपये का माल आयात करता है, जिसमें सेब और अन्य फल शामिल हैं।



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