ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन, आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश ।



नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने विशेष संबोधन में देश की सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख और हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर का विस्तार से उल्लेख किया। यह संबोधन 7 मई को हुए भारतीय सेना के विशेष अभियान के बाद उनका पहला आधिकारिक वक्तव्य था।

प्रधानमंत्री ने अपने करीब आधे घंटे के भाषण में स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया अब यह देख चुकी है कि किस तरह पाकिस्तानी सेना के उच्च अधिकारी मारे गए आतंकियों को अंतिम विदाई दे रहे हैं। उन्होंने इसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रमाण बताया।

पीएम मोदी ने कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में कोई बातचीत होती है, तो वह सिर्फ आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के मुद्दों पर ही संभव होगी।

उन्होंने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के DGMO से संपर्क किया, लेकिन तब तक भारत आतंक के ठिकानों को तबाह कर चुका था। “आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने उनके अड्डों को खंडहर में बदल दिया,” प्रधानमंत्री ने भावुक स्वर में कहा।

इस अभियान में 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया। मिसाइलों और ड्रोनों से किए गए हमलों में भवालपुर और मुरीदके जैसे आतंकवादी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री ने इन्हें “वैश्विक आतंकवाद के विश्वविद्यालय” करार दिया, जिनका संबंध दुनिया भर में हुए बड़े आतंकी हमलों से रहा है।

उन्होंने कहा कि “आतंकियों ने कभी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा कदम उठाएगा, लेकिन जब देश एकजुट होता है और 'राष्ट्र सर्वोपरि' की भावना से प्रेरित होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं।”

प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को न्याय की अटूट प्रतिज्ञा बताया और कहा कि 6 मई की रात और 7 मई की सुबह को पूरी दुनिया ने देखा कि भारत ने आतंक के खिलाफ अपने संकल्प को कैसे परिणामों में बदला।

उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जहां आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों की हत्या की थी। उन्होंने इसे क्रूरता और देश की एकता को तोड़ने की साजिश बताया और कहा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत रूप से अत्यंत पीड़ादायक थी।



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