मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में उपभोक्ता से पानी की बोतल पर एक रुपये की जीएसटी वसूले जाने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने अहम फैसला सुनाया है। आयोग ने होटल प्रबंधन को आदेश दिया है कि वह उपभोक्ता से वसूली गई जीएसटी की राशि लौटाए और मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 8,000 रुपये का भुगतान भी करे।
मामला भोपाल के मिसरोद रोड स्थित मोती महल डीलक्स होटल का है, जहां एक उपभोक्ता अपने दोस्त के साथ खाना खाने गया था। होटल ने खाने का कुल बिल 796 रुपये दिया, जिसमें पानी की एक बोतल 29 रुपये में चार्ज की गई, जबकि उस बोतल पर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 20 रुपये अंकित था। इसके अतिरिक्त, होटल ने बोतल पर एक रुपये की जीएसटी भी वसूली।
उपभोक्ता द्वारा आपत्ति जताए जाने के बावजूद होटल प्रबंधन ने अतिरिक्त राशि लेने से इनकार नहीं किया। इसके बाद उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडे ने मामले की सुनवाई के बाद उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए कहा कि एमआरपी में जीएसटी पहले से ही शामिल होती है, और इस पर अलग से टैक्स वसूलना अवैध है।
होटल प्रबंधन ने अपने बचाव में दलील दी कि मेन्यू कार्ड में कीमत और जीएसटी का स्पष्ट उल्लेख था, और ग्राहकों को एसी, संगीत और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं, इसलिए अतिरिक्त जीएसटी जायज़ है। हालांकि आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया।
अब होटल को दो महीने के भीतर उपभोक्ता को एक रुपये की वसूली गई जीएसटी राशि के साथ 8,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में लौटाने होंगे।
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