मुंबई:
साइबर अपराध और 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी नई धोखाधड़ी तकनीकों से निपटने के लिए मुंबई पुलिस ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत एक विशेष हेल्पलाइन सेवा – “डिजिटल रक्षक” – शुरू की गई है, जो नागरिकों को साइबर अपराधियों द्वारा सरकारी अधिकारियों की फर्जी पहचान बनाकर की जा रही ठगी से बचाने में मदद करेगी।
इस सेवा की आधिकारिक घोषणा मुंबई क्राइम ब्रांच के साइबर सेल के डीसीपी दत्ता नलावड़े ने की। उन्होंने बताया कि धोखेबाज खुद को सीबीआई, ईडी, कस्टम्स, आयकर विभाग, डीआरआई या राज्य पुलिस का अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाकर डराते हैं।
व्हाट्सएप पर भेजते हैं फर्जी दस्तावेज
ठग व्हाट्सएप के माध्यम से जाली एफआईआर, गिरफ्तारी वारंट और नोटिस भेजते हैं और पीड़ित को ‘डिजिटल अरेस्ट’ की धमकी देते हैं। डीसीपी नलावड़े ने स्पष्ट किया कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा कोई प्रावधान भारतीय कानून में नहीं है और यह पूरी तरह एक सुनियोजित ठगी है।
हेल्पलाइन नंबर हुए जारी
मुंबई पुलिस ने “डिजिटल रक्षक” के तहत दो मोबाइल नंबर जारी किए हैं: 7715004444 और 7400086666। नागरिक इन नंबरों पर व्हाट्सएप के जरिए कोई भी संदिग्ध कॉल या दस्तावेज भेज सकते हैं। एक विशेष टीम — जिसमें दो पुलिसकर्मी और एक अधिकारी शामिल हैं — संबंधित सरकारी एजेंसियों से दस्तावेजों की जांच कर सत्यता की पुष्टि करेगी।
त्वरित सहायता और सुरक्षा सुनिश्चित
वेस्ट साइबर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक दत्ताराम चव्हाण ने जानकारी दी कि कई बार पीड़ित इतनी घबराहट में होते हैं कि ठगों की बातों में आ जाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी टीम न केवल दस्तावेजों की जांच करती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर पीड़ितों के घर जाकर उन्हें सुरक्षा और मानसिक आश्वासन भी देती है।”
साइबर अपराध के चौंकाने वाले आंकड़े
मुंबई साइबर सेल के अनुसार, वर्ष 2024 में डिजिटल अरेस्ट ठगी के 195 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 137 करोड़ रुपये की चपत नागरिकों को लगी। वहीं, वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ही 70 मामले सामने आए, जिनमें 76 करोड़ रुपये की ठगी हुई है।
मुंबई पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल, एफआईआर या वारंट की सत्यता की पुष्टि के लिए तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करने की अपील की है। डीसीपी नलावड़े ने कहा, “यदि किसी को व्हाट्सएप पर गिरफ्तारी संबंधी दस्तावेज भेजे जाते हैं या डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी जाती है, तो घबराएं नहीं और पुलिस से संपर्क करें। यह एक साइबर अपराध है।”
क्या करें अगर संदिग्ध कॉल आए?
कॉलर से बहस या बातचीत न करें
कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें
किसी प्रकार की धनराशि ट्रांसफर न करें
तुरंत हेल्पलाइन नंबरों: 7715004444 / 7400086666 पर संपर्क करें
प्राप्त दस्तावेजों को सत्यापन हेतु भेजें
जरूरत महसूस हो, तो अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात का अनुरोध करें
मुंबई पुलिस की डिजिटल रक्षक हेल्पलाइन अब पूरी तरह सक्रिय है और नागरिकों को साइबर अपराध से सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर है।
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