मुंबई में पिटबुल ने 11 वर्षीय बच्चे पर किया हमला, PETA India ने महाराष्ट्र सरकार से आक्रामक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध की मांग की।


मुंबई में एक 43 वर्षीय व्यक्ति ने अपने पिटबुल को 11 साल के बच्चे पर हमला करने के लिए उकसाया, जिससे बच्चा घायल हो गया। इस घटना के बाद, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA India) ने महाराष्ट्र सरकार से फिर से अपील की है कि राज्य में पिटबुल, रॉटवीलर, पाकिस्तानी बुली कुट्टा, डोगो अर्जेंटीनो, प्रेसा केनारियो, फिला ब्राजीलियरो, बुल टेरियर, केन कोर्सो और XL बुली जैसी आक्रामक नस्लों के कुत्तों के पालन-पोषण, बिक्री और रखने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

PETA India का कहना है कि ये कुत्ते लड़ाई के लिए विशेष रूप से पाले जाते हैं और इन्हें ऐसे लोग खरीदते हैं जो या तो खुद इनसे घायल हो जाते हैं या उन्हें संभाल नहीं पाते।

इस साल महाराष्ट्र में पिटबुल नस्ल के कुत्तों द्वारा हमले की यह चौथी घटना है।

9 जनवरी को औरंगाबाद में एक पिटबुल ने एक सामुदायिक कुत्ते पर हमला किया।

22 जनवरी को मुंबई के माहीम बीच पर एक छोड़ा गया पिटबुल दो लोगों को घायल कर गया।

25 मार्च को मुंबई में एक पिटबुल और डोबर्मन ने मिलकर 37 वर्षीय महिला पर हमला किया।


PETA India ने डॉ. के. एच. गोविंदराज (आईएएस), प्रमुख सचिव, शहरी विकास विभाग को पत्र लिखकर मांग की है कि महाराष्ट्र में ऐसे कुत्तों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए। पत्र के अनुसार, चंडीगढ़ और गोवा जैसे राज्य पहले से ही इस दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं, और झारखंड सरकार ने हाल ही में पिटबुल और रॉटवीलर जैसे विदेशी नस्लों के कुत्तों के पालन, बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाया है।

PETA India के अनुसार, पिटबुल और रॉटवीलर जैसे विदेशी कुत्ते अक्सर अवैध डॉग फाइट्स में उपयोग किए जाते हैं, जो कि पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के तहत गैरकानूनी है। इन कुत्तों को भारी जंजीरों से बांधकर आक्रामक बनाया जाता है, और कान काटना, पूंछ काटना जैसी अमानवीय प्रक्रियाएं भी उन पर की जाती हैं।

PETA India ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार इन कुत्तों को अनिवार्य रूप से नसबंदी और पंजीकरण के दायरे में लाए, और एक तय तारीख के बाद उनके पालन, प्रजनन और बिक्री को पूरी तरह से रोक दे। इसके साथ ही अवैध पेट शॉप्स और डॉग फाइटिंग के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।




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