महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना फिर विवादों में, 2,289 महिलाएं बाहर।



महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी लाडकी बहिन योजना एक बार फिर विवादों में आ गई है। यह योजना राज्य की महायुति सरकार का एक अहम चुनावी वादा थी, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की सहायता देना था। लेकिन अब सरकार ने 2,289 महिलाओं को इस योजना से बाहर कर दिया है।

सरकारी नौकरी वाली महिलाएं लाभ की पात्र नहीं

राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने विधानसभा में बताया कि जांच के दौरान यह सामने आया कि इन सभी महिलाओं की सरकारी नौकरी है। जबकि योजना का लाभ केवल कम आय वाली और जरूरतमंद महिलाओं को ही मिलना था — जिनकी मासिक आय ₹25,000 से कम हो। ऐसे में इन महिलाओं को योजना का लाभ देना नियमों के विरुद्ध माना गया।

सरकार ने लाभ वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की

इसके बाद, सरकार ने इन सभी महिलाओं को लाभार्थियों की सूची से हटा दिया है और अब कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं तक सीमित रहेगा, जो वास्तव में पात्र हैं।

अन्य योजनाओं का लाभ ले रहीं महिलाएं भी रडार पर

सरकार के अनुसार, कई महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना और नमो किसान योजना जैसी अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ ले रही थीं, जो लाडकी बहिन योजना की शर्तों का उल्लंघन है। इसके अलावा, करीब 50,000 सरकारी महिला कर्मचारियों को भी योजना से बाहर करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्हें दी गई राशि लौटाने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

अब तक 9 लाख से अधिक महिलाओं के नाम हटे

सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 9 लाख से ज्यादा महिलाओं को योजना से बाहर किया जा चुका है। वहीं, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.5 लाख से अधिक है, उनकी जांच अभी जारी है — जिससे 25 लाख से ज्यादा महिलाएं जांच के दायरे में हैं।

चुनाव से पहले शुरू हुई थी योजना

गौरतलब है कि लाडकी बहिन योजना की शुरुआत अक्टूबर 2024 में, विधानसभा चुनावों से ठीक पहले की गई थी। इसे लेकर राज्यभर में करीब 2.45 करोड़ महिलाओं ने आवेदन किया था। लेकिन पात्रता की शर्तों को ध्यान में रखते हुए सरकार अब लाभार्थियों की संख्या में कटौती कर रही है।




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ